फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाली शिक्षिका जल्द होगी सलाखों के पीछे
जौनपुर। जालसाजी कर फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों को बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश होते ही जौनपुर में ही फर्जी दस्तावेज के आधार पर दो मामले सामने आ गये है। एस टी एफ की सूचना पर सक्रिय जिला विद्यालय निरीक्षक ने राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नौकरी करने वाली शिक्षिका दीप्ति पर गुरुवार को ही मुकदमा पंजीकृत करा दिया है । पुलिस गिरफ्तारी के लिए दविशे देने लगी है। आरोपित का निजी एवं सरकारी खाता सीज कर बर्खास्त करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक ने जेडी को पत्र लिखा है। फर्जी शिक्षक की भी नियुक्ति कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी दिलाने वाले गैंग ने ही कराई थी। एसटीएफ की पूछताछ के बाद मामला सामने आया। इस कार्रवाई से पिछले दरवाजे से नौकरी करने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों में खलबली मची है। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिहिया में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में तैनात शिक्षक ने 19 नवंबर वर्ष 2015 में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज पर चयन कराया था।
उसने आवेदन में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मित्रपुर ढहिया जनपद कौशांबी की शिक्षक दीप्ती पुत्री सुरेश चंद्र निवासी बगिया सोहन लाल कायमगंज फर्रूखाबाद के शैक्षिक दस्तावेज लगाया था। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद जांच की गई तो तथ्य चौंकाने वाला सामने आया। लंबे समय से नौकरी कर रही दीप्ति निवासी भैंसरौली, भोगांव जनपद मैनपुरी ने फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र लगाया है। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि फर्जी शिक्षक वर्तमान में प्रभारी प्रधानाध्यापक का भी कार्यभार देख रही थीं। जांच में प्रमाणपत्र फर्जी मिलने के बाद प्रभारी सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश यादव के माध्यम से कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। उसका निजी व सरकारी बैंक खाता भी सीज करा दिया गया है। आरोपित को बर्खास्त करने के लिए जेडी को पत्र लिखा गया है।
एस टी एफ द्वारा गिरफ्तार किया गया जालसाज पुष्पेन्द्र जाटव उर्फ गुरूजी उर्फ सुनील ने फर्जी शिक्षिका का नाम पता बताया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दीप्ति पिछड़ी जाति की है और उसके नौकरी वाले पत्रावली में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र लगाया गया है। अब शिक्षा विभाग में पिछले दरवाजे से फर्जीवाड़ा कर नौकरी करने वालों में खलबली मची हुई है।
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