कुलपति की मनमानी के खिलाफ कर्मचारियों का आन्दोलन शुरू, पहले दिन बैठे धरने पर
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कई दिनों से कर्मचारियों एवं कुलपति के बीच कर्मचारी हितो को लेकर बात चीत असफल होने पर आखिर कर्मचारियों ने शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के बैनर तले आज कुलपति के खिलाफ आन्दोलन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर हो गये है। कोरोना संक्रमण के चलते शोसल डिस्टेन्सिंग का का पालन करते हुए संघ के अध्यक्ष रामजी सिंह के नेतृत्व में कुलपति कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गये है। कर्मचारियों के इस आन्दोलन को दमन करने के लिए कुलपति ने पुलिस का सहारा लिया लेकिन कर्मचारियों के दृढ़ संकल्प के सामने वह भी हिंसक होने का साहस नहीं कर सके।
बतादे गत तीन दिनों से शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी कर्मचारी हितो की समस्याओ को लेकर बात करने का प्रयास कर रहे थे लेकिन कुलपति उनसे बात नहीं किये इसके बाद आज से कर्मचारियों ने आन्दोलन का बिगुल बजा दिया। शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ ने 12 सूत्रीय मांग पत्र विगत तीन वर्षों से कुलपति को देते चले आ रहे है। जिसमें 6 सूत्रीय मांग मानते हुए पूरा करने का वादा किया था लेकिन आज तक उसे पूरा नहीं किया है।
संघ के अध्यक्ष रामजी सिंह ने बताया कि 6 माह पहले समझौता वार्ता के दौरान कुलपति ने मांग पत्र की 6को पूरा करने का आश्वासन दिया था अब उससे भी मुकर गये है इस लिए आन्दोलन हमारी मजबूरी है। हमारी मांग है संविदा कर्मचारियों का वेतन बढाया जाये, नियमित किये गये कर्मचारियों के जीपीएफ की कटौती करायी जाये, कर्मचारियों का एसीपी दिया जाये, 2001 में विनियमित किये गये कर्मचारियों की सूची न भेजा जाये, रिक्त पदों पर कर्मचारियों का समायोजन किया जाये, पदो का वर्गीकरण किया जाये।
लेकिन कुलपति हमारी मांग मानने को तैयार नहीं है बल्कि अपनी मनमानी करते हुए रिक्त पदों पर अपने चहेतों को नौकरी देने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। जो सरासर नियम विरुद्ध है। हम कर्मचारी अपनी जान दे देगे लेकिन कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी काम नहीं करने दिया जायेगा चाहे जो कुर्बानी देनी पड़े संघ पूरी तरह से तैयार है।
पहले दिन धरने पर बैठने वालों अध्यक्ष के अलावां महामंत्री स्वतंत्र कुमार, उपाध्यक्ष रामयश मिश्रा, बिहारी लाल, जैसलाल, दिलगीर हसन, सुनील सिंह, सम्पूर्णानन्द पाण्डेय, शारदानन्द उपाध्याय, लालचन्द यादव राधेश्याम यादव आदि प्रमुख रहे है।
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