अब देश में चीन समान बिकना हो सकता है बंद व्यापारियों ने चीन प्रोडक्ट सामान बेचने से बहिष्कार का लिया निर्णय



    देश में बीते कई समय से चीनी उत्पादों को बायकॉट करने की बात कही जा रही है। इसके लिए कई संगठनों द्वारा कई मुहिम भी चलाए जा रहे हैं। इस बीच बुधवार को देश के करोड़ों खुदरा और थोक व्यापारियों द्वारा चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत खुदरा और थोक व्यापारियों की योजना अगले साल दिसंबर (2021) तक चीन से आयात बिल को एक लाख करोड़ रुपये तक घटाना है।

व्यापारियों ने कंफडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के तहत तकरीबन तीन हजार वस्तुओं की लिस्ट भी तैयार कर ली है। ये वो वस्तुएं हैं, जिनका बड़ा हिस्सा चीन से आयात किया जाता है, लेकिन इन सभी का विकल्प भारत में मौजूद है या फिर तैयार किया जा सकता है।

CAIT ने जिन वस्तुओं की लिस्ट तैयार की है, उसमें खासकर इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, गिफ्ट आइटम, कंफेक्शनरी उत्पाद, एफएमसीजी उत्पाद, कपड़े, घड़ियां, खिलौने और कई तरह के प्लास्टिक उत्पाद शामिल हैं।

गौरतलब है कि भारत में चीनी उत्पादों को बहिष्कार किए जाने की लहर पहली बार नहीं उठी है। जब भी चीन से साथ तनाव बढ़ने लगता है, तो इस आंदोलन को और हवा मिलती है। लेकिन शांति कायम होने के बाद सब कुछ पहले जैसा नॉर्मल हो जाता है और लोग इस क्रांति के बारे में भूल जाते हैं।

लेकिन CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि इस बार ऐसा नहीं होगा। हम हर साल दिवाली पर चीन से आयात होने वाले झालर (लड़ियों) से अपना घर सजाते हैं। लेकिन देश में ही बनी लाइट्स होंगी। हम इस बार इनका आयात बिल्कुल नहीं करेंगे। यानी इस बार दिवाली चीनी बिल्कुल नहीं होंगी।


बता दें कि चीन ने भी भारत में चीनी उत्पाद को बैन किए जाने को लेकर प्रतिक्रिया जाहिर की थी। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में इसे चीन को बदनाम करने की साजिश बताई गई है। इस रिपोर्ट में चीनी एक्सपर्ट के हवाले से लिखा गया है कि चीनी उत्पादों का बायकॉट करना भारत के लिए महंगा  होगा।

चीन ने कहा कि हमारे प्रोडक्ट्स भारतीय दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं और इसे हटाना बेहद कठिन है। हम भारत को यह समझाना चाहते हैं कि ये सौदा घाटे का है और ऐसा हो पाना नामुमकिन है। क्योंकि हमारे प्रोडक्ट्स भारतीय दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं और इसे हटाना बेहद कठिन है।

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