लाक डाऊन का किया सदुपयोग शिक्षिका ने लिखा काव्य पुस्तक



जौनपुर। प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका व युवा कवित्री ने लाॅक डाउन के दौरान अपने समय का सद्पयोग करते हुए एक किताब लिख डाली है। यह पुस्तक जीवन पर आधारित है। हर कविता सकारात्मक सोच के साथ जीवन जीने की सीख दे रही है। खास बात यह है कि इस किताब की पेज सेटिंग और मुख्य पृष्ठ तक की डिजाइनिंग खुद लेखिका ने ही किया है। हलांकि इस किताब का विमोचन लाॅक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग के कारण अभी नही हो पाया है। जल्द ही जिला प्रशासन से अनुमति लेकर लोकापर्ण किया जायेगा। 

नगर के सिटी स्टेशन के पास स्थित हरिबंधनपुर नई कालोनी की निवासी सुमति श्रीवास्तव प्राथमिक विद्यालय मोकलपुर (मड़ियाहूं) में सहायक अध्यापक पद पर तैनात है। सुमति को बचपन से ही कविताओं को लिखने व पढ़ने का शौक है। छात्र जीवन में वे कालेज में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कविताएं पढ़ने का मौका मिलता रहा। सुमति स्नातक की शिक्षा टीडीपीजी कालेज से किया, राजकालेज से शिक्षा शास्त्र से एमए की तथा बी एड बिहारी महिला महाविद्यालय मछलीशहर से किया। उसके बाद से वे प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पद पर कार्य कर रही है। सुमति बताती है कि हमारे दिल में कई वर्षो से किताब लिखने इच्छा थी लेकिन नौकरी और परिवारिक जीवन में व्यस्तता के चलते हमारी मंशा पूरी नहीं हो रही थी । मैने समय निकालकर नवम्बर 2019 में "मकरन्द की टीस" नामक किताब लिखना शुरू किया। लेकिन समय के अभाव के चलते कविता लिखने की गति काफी धीमी रही। मार्च के आखिरी सप्ताह में जब देश  लाॅक डाउन हुआ तो मुझे पूरा समय मिला तो मैने उसका उपयोग करते हुए कुल 54 कविताएं लिख डाली। उसके बाद किताब की डिजाइनिंग करके पंजाब से पुस्तक की छपायी। लेकिन अभी कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सोशल डिस्टेंसिंग समेत तमाम बंदिशो के कारण किताब का विमोचन नही करा सकी हूं। 

सुमति ने बताया कि यह मेरी पहली पुस्तक है जिसे हमने अपनी स्वर्गीय मां राजकुमारी व शिव कुमार लाल को समर्पित किया है।

इससे पूर्व सुमति का (सांझा संकलन) स्वरांजली, कविताओं का संगम, नयी जमीं नया आसमान जैसी एक दर्जन से अधिक किताबे छप चुकी है। 

सुमति की कविताएं अनेक  समाचार पत्रों,एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है तथा तीन दर्जन से अधिक सम्मान भी प्राप्त कर चुकी है। इससे पूर्व सुमति तेजस ई मैगजीन की शुरू किया है तथा गीत कमल ई मैगजीन व गजल गुंजन की सह सम्पादक है

Comments

  1. शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए कोरोना काल का सदुपयोग, वास्तव में रचनात्मक कार्यों ‌,लेखन के लिए अतिउतम समय । शिक्षा से जुड़ी ख़बरें प्रकाशित करने तथा उत्साहवर्धन के लिए "सचखबरें" के सम्पादक को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

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