लाक डाऊन अवधि में पहली बार खुला दीवानी न्यायालय, अरेंज जोन के चलते उठ रहे है सवाल



 जौनपुर।  कोरोना संक्रमण के चलते देश में लागू लाक डाऊन के चलते प्रदेश ही नहीं  देश की न्यायपालिका में भी ताला लगा दिया गया था।  लाक डाऊन की अवधि में ही जनपद जौनपुर में  आज पहली बार न्यायपालिका का दरवाजा खोला गया।  हलांकि  लाक डाऊन के दौरान लगभग आधा दर्जन अधिवक्ता एवं दीवानी कर्मियों की मौत होने के कारण शोक  प्रस्ताव के साथ न्यायिक कार्य नहीं हुआ । लेकिन जिला को कोरोना के चलते अरेंज जोन में होने के कारण न्यायालय को खोले जाने को लेकर सवाल जरूर उठ रहे है। 
बतादे कि  जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर आज दीवानी न्यायालय खोला गया था 
दीवानी न्यायालय में कुल लगभग 35 अदालतें चलती है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लाक डाऊन में आज 9 अदालतें खोले जाने की खबर है  । जिला जज के आदेश के क्रम में लगभग 10 प्रतिशत कर्मचारी आये थे। हलांकि सुरक्षा की दृष्टि से न्यायालय परिसर से लेकर न्यायिक कक्ष तक  पहले सेनेटराईज किया गया तत्पश्चात मजिस्ट्रेट एवं दीवानी कर्मी अदालत के अन्दर प्रवेश किये। वहीं अधिवक्ताओ की संख्या भी  सौ के आस पास उपलब्ध रही है । कन्डोलेन्स के कारण कोई काम नहीं हुआ। दीवानी न्यायालय में कोई वादकारी प्रवेश न करें इसके लिए सुरक्षा का पहरा कड़ा था। न्यायालय के बाहर ही मजिस्ट्रेट से लेकर आये हुए सभी कर्मचारियों एवं अधिवक्ताओंकी थर्मल स्क्रीनिंग की गयी थी। इस तरह लगभग हर संभव सुरक्षा के उपाय किये गये थे। 
कोरोना पाजिटिव मरीजो के कारण शासन ने जौनपुर को अरेंज जोन में रखा है और आदेश दिया है कि लाक डाऊन अवधि में न्यायिक प्रक्रिया बन्द रहेंगी। ऐसे में जिला जज के स्तर से जिला प्रशासन से कन्टेन्ट जोन के बाबत राय मांगी गई थी जिस पर डीएम यह कह कर शान्त हो गये कि जनपद कन्टेन्ट जोन में नहीं है । इसके बाद जिला जज ने न्यायालय खोलने का आदेश जारी कर दिया। अब चर्चा है कि न्यायालय में शोसल डिस्टेन्सिंग को बनाये रखना कठिन हो सकता है।  ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने की संभावना से इनकार कैसे किया जा सकता है।

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