जौनपुर में एक जमाती की अस्थायी जेल में हुईं मौत, परिजन प्रशासन पर लगा रहे लापरवाही का आरोप
जौनपुर। दिल्ली निजामुद्दीन मरकज़ जमात से वापस जौनपुर आये पिरोसोपुर निवासी नसीम अहमद की मौत जिला प्रशासन द्वारा बनायी गयी अस्थायी जेल में हो गयी है। नसीम की मौत को लेकर उनके परिजन प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। बतादे नसीम दिल्ली मरकज तथा अन्य जगह पर जमात मे शामिल होकर जौनपुर वापस लौटे तो यहाँ पर एक मस्जिद में छिपे थे खुपिया विभाग की सूचना पर पुलिस ने इनके साथ 14 लोगों को गिरफ्तार किया इसके बाद सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जमात के लोगो को क्वारंटाइन कर दिया गया। तत्पश्चात सभी को केराकत मार्ग पर स्थित प्रसाद इन्स्टीट्यूट में अस्थायी जेल बना कर न्यायिक अभिरक्षा मे भी रख दिया गया । बीतीरात लगभग 1 बजे के आस पास इनमे से एक जमाती नसीम अहमद की मौत हो गई है। परिजनों का कहना है कि ये पिछले 03 अप्रैल को क्वारंटीन किये गए थे।
पुलिस प्रशासन इन लोगो पर लाकडाउन का पालन न करने तथा अन्य गम्भीर धाराओ मे मुकदमा पंजीकृत कर रखा है। वही उक्त क्वारंटीन सेन्टर मे आज दूसरी बार नसीम अहमद की तबियत अचानक खराब होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।
नसीम के परिजनों का कहना था कि अभी दो दिन पहले भी उन्हे हार्ट की परेशानी आई थी जिस कारण जिला अस्पताल से उन्हें बी एच यू भेजा गया था । लेकिन वहा उनको भर्ती नही किया गया। बल्कि इलाज़ करके छोड़ दिया गया था। वही जिला अस्पताल मे इमरजेंसी वार्ड मे तैनात एक चिकित्सक ने बताया कि यहां जिला अस्पताल मे कार्डियोलॉजी का न कोई डाक्टर है और नही कोई वार्ड ऐसे मे ऐसे गम्भीर मरीजो को हम मेडिकल कॉलेज रेफर कर देते है।
मामले पर एस पी सिटी डॉ. संजय सिंह ने बताया कि जमातियों को संरक्षण देने मामले में मृतक नसीम अहमद पर दो मुकदमे दर्ज है। जिसके कारण न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया था। इलाज़ के लिए दो दिन पूर्व वाराणसी स्थित बी. एच. यू. भी ले जाया गया था।
नसीम अहमद के परिजनों का कहना है कि वह मार्च के शुरूआती हफ्ते मे दिल्ली इलाज के लिए गये थे जहां इलाज के बाद वो जौनपुर लौट आए । उनको 14 दिन क्वारंटीन करने के बाद भी प्रशासन मुकदमे कर उलझाए हुए है उनका इलाज लखनऊ स्थित पी जी आई मे चल रहा था। प्रशासन की लापरवाही के कारण नसीम का इन्तकाल हो गया है।
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