प्रशासन एवं सरकारी तंत्र पर प्रश्न चिन्ह, आखिर क्यों और कैसे पैदल व ट्रको से यात्रा कर रहे हैं प्रवासी मजदूर



      जौनपुर । कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जनपद जौनपुर में जारी किये गये आदेश कि जनपद के सभी थाने सुनिश्चित करें कि कोई भी प्रवासी मजदूर पैदल अथवा ट्रक से जनपद की सीमा में प्रवेश न करें। ट्रको से लद कर आ रहे प्रवासी मजदूरों को रोका जाये और ट्रक चालकों के खिलाफ विधिक कार्यवाही किया जाये। साथ ही कोई अनावश्यक घूमता न मिले। लेकिन आज रविवार को इस आदेश की खूब धज्जियां उड़ती नजर आयी। पुलिस के लोग केवल मूक दर्शक की भूमिका में  दृष्टिगोचर हुए ।
जिला प्रशासन के आदेश पर अमल न होने का कारण जो भी हो लेकिन सायं काल के समय यह आम जन मानस के बीच में खासा चर्चा का बिषय रहा है। यहां पर सवाल यह है कि यदि आदेश को गम्भीरता से नहीं लेना था तो ऐसे आदेश निर्गत करने के पीछे की मंशा क्या थी। कहीं सरकार की नजर में आदेश पालक बनने की चाहत तो नहीं थी शेष कोई लेना देना नहीं है। 
यहाँ बतादे कि जनपद की सीमा में प्रवेश करते हुए प्रवासी मजदूर ट्रक एवं पैदल अपने घरों को जाते नजर आये है। यह क्रम घन्टे दो घंटे नहीं बल्कि पूरे दिन अनवरत रूप से चलता रहा है। न तो प्रवासी मजदूरों को कोई रोक कर उनके जाने की व्यवस्था करता नजर आया नहीं ट्रकों को रोक कर मजदूरों को  उतारने का काम जनपद में किया गया है ।
जिला प्रशासन द्वारा सरकार के निर्देश पर जारी आदेश के पालन का सच जानने के लिए टीम जनपद मुख्यालय पर जौनपुर - आजमगढ़ और जौनपुर  - गाजीपुर मार्ग पर पंचहटिया से होटल रिवर व्यू तक सुबह से दिन में 12बजे तक नजर दौड़ाया तो पता चला कि  मजदूर ट्रक एवं पैदल अपने गन्तव्य को जाने के लिए मजबूर है । भूख प्यास से बिलबिलाते सड़क पर भागे जा रहे है
ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजिमी है कि आखिर ऐसे आदेश क्यों निर्गत किये जाते है जिसका अनुपालन न कराया जा सके। जो भी हो लेकिन सरकार अथवा सरकारी तंत्र के ऐसे आदेशोंको दर किनार करते हुए प्रवासी मजदूर सरकारी सुविधाओं को न पाने पर पैदल अथवा अपने खर्चे से ट्रको में  भूसे की तरह उसपर सवार होकर घरों को जाने के लिए मजबूर हो गये है। 

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