कोरोना संक्रमण से संक्रमित मरीजों के उपचार में उजागर हुईं सरकारी लापरवाही



जौनपुर । जनपद में कोरोना संक्रमण से संक्रमित मरीजों के उपचार एवं खान पान के व्यवस्था के सच का पोल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चांदपुर में भर्ती किये गये मरीजों ने गत सोमवार यानी 25 मई को खोल कर रख दिया।  अव्यवस्था से नाराज़ मरीज आइशोलेसन वार्ड से निकल कर बाहर मुख्य द्वार पर आ गये और घन्टो हंगामा किया यहाँ तक कि सरकारी कर्मचारियों से काफी नोक झोंक भी किया और सीधे जिला प्रशासन को सवालों के कटघरे में खडा करते हुए कहा कि इस अव्यवस्था में उपचार कराने वाले प्रवासी मरीज कोरोना संक्रमण से तो बाद में मरेगे पहले तो भूख प्यास और बदइन्तजामी से उनकी मौत हो सकती है। 
आइशोलेसन वार्ड में इलाज करा रहे मरीजों ने जिला प्रशासन को सवालों के कटघरे में खडा करते हुए कहा कि कि कोरोना पीड़ित मरीजों का ठीक से उपचार नहीं किया जा रहा है महज एक गोली सुबह के समय मरीजों को दे दी जाती है इसके बाद मरीजों को कोई पूछने वाला नहीं है। साथ ही यह भी आरोप जड़ा कि अस्पताल में मरीजों को थर्ड क्वालिटी का खाना दिया जा रहा है जिसे नहीं खाया जा सकता है लेकिन मजबूरी में जान बचाने के लिए मरीज खा रहे है। जो खाना मिलता भी है वह समय पर नहीं दिया जाता है। मरीजों के अनुसार गर्मी के समय में अस्पताल के अन्दर पेय जल का जबरदस्त संकट है अस्पताल में मरीजों को खारा पानी दिया जाता है जिसे नहीं पीया जा सकता है। यहां तक कि वार्डो में लगे पंखे पूरी तरह से नाकाफी है। इस तरह चौतरफा अव्यवस्था ही अव्यवस्था नजर आ रही है। 
सरकारी अव्यवस्था से गुस्साये कोरोना संक्रमण से संक्रमित मरीजों को आइशोलेसन वार्ड से बाहर निकलते ही सभी कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गये तो आस पास आवासीय मकानों में निवास करने वाले कोरोना संक्रमण फैलने के भय से भयभीत हो गये थे। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ड्यूटी रत कर्मचारियों की सूचना पर यहाँ के प्रभारी चिकित्सक डा.तरुण एवं प्रधान पति अरविंद सिंह एवं थाना सिकरारा के थानाध्यक्ष विनय कुमार सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंच कर मरीजों को समझा बुझा कर वार्ड में भेजा। इस हंगामें की खबर पर मीडिया भी पहुंच गयी थी। 
मीडिया से रूबरू होते हुए चिकित्सक डा.तरुण ने बताया कि अभी तक उपर से उपचार की कोई गाइड लाइन नहीं मिली है।  यहां की समस्याओ  के बाबत सभी जानकारी बजरिये उप जिलाधिकारी  जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी को दी जा चुकी है जो व्यवस्था प्रशासन देगा उसी में उपचार किया जा सकता है। एक तरह से चिकित्सक ने सारा ठीकरा जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी सीएमओ के सर फोड़ दिया ।
यहाँ बतादे कि शासनदेश के अनुसार कोरोना संक्रमण से पीड़ितों के दवा इलाज आदि सभी व्यवस्थाओं का दायित्व जिला प्रशासन एवं सीएमओ का है दवा से लेकर खाना पानी एवं रख रखाव के एक एक पैसे का बजट जिलाधिकारी एवं सीएमओ की सहमति से ही खर्च किया जा सकता है। इसमें किसी अन्य अधिकारी अथवा विभाग कि हस्तक्षेप नहीं हो सकता है। 
चाँदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार करा रहे मरीजों ने पूरे जनपद में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचारमें बरती जा रही लापरवाहीयों पर सवाल खड़ा किया है। क्योंकि जो अव्यवस्था यहाँ पर उठी है वह अन्य अस्पतालोंमें भी सम्भव है क्योंकि व्यवस्थापक तो एक ही है। सीएमओ  राम जी पाण्डेय से इस संदर्भ में बात करने पर उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण संक्रमितोको कोई ऐसी बीमारी नहीं है कि उनका उपचार किया जा सके केवल कोरोना पाजिटिव लोगों को आइशोलेसन में रखा जाता है। खांसी आने पर सिरप अथवा पैरासिटामोल टैबलेट आदि जरूरत पड़ने पर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया अस्पताल में खान पान की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की होती है। ठीकेदारो के जिम्मे लगाया गया है थोड़ा बिलम्ब संभव है ऐसे में मरीजों को हंगामा नहीं करना चाहिए। 

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