लाक डाऊन:रेलवे में काम करने वाले श्रमिक अब भुखमरी के कगार पर, इन पर नजर डालें सरकार
जौनपुर। कोरोना वायरस के चलते देश में लाक डाउन की अवधि में रेल सेवा बंद पूर्ण रूप से रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा है। साथ ही स्टेशनों पर कार्यरत लाइसेंसियों एवं उनके वेंडरों, खाना नाश्ता बनाने वाले सहयोगियों एवं लेबरों कुलियों के समक्ष अब भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में लाइसेंस फीस एवं 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर पाना असंभव हो गया है। अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव ने वेंडरों के लाइसेंस फीस एवं जीएसटी आदि को माफ करने की मांग की है।
वेंडरों, कामगारों के समक्ष रोटी का संकट
लाकडाउन की अवधि में पूर्ण रूप से जौनपुर जंक्शन व अन्य रेलवे स्टेशनों जैसे सिटी रेलवे स्टेशन,शाहगंज , बदलापुर, जलालगंज, जफराबाद, केराकत, आदि जिले के रेलवे स्टेशन सहित वाराणसी, सूल्तानपुर , मिर्जापुर, गोरखपुर आदि पूरे देश के रेलवे स्टेशनो, के लूप लाइन और मेन लाइन के अन्य सभी जोनलों एवं मंडलों के रेलवे स्टेशनों तथा लखनऊ रेलवे स्टेशन तथा अन्य महानगरीय एवं उप नगरीय रेलवे स्टेशनों पर पूर्ण बंदी हो जाने के कारण बड़ी संख्या में लाइसेंसियों वेंडरों तथा अन्य कामगारों का जीवन यापन बहुत ही मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है। रेलवे स्टेशनों पर कार्यरत लाइसेंसियों एवं उनके वेंडरों, खाना नाश्ता बनाने वाले सहयोगियों एवं लेबरों के समक्ष भुखमरी की समस्या भी सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ी है। इस स्थिति में रेलवे द्वारा आवंटित जीएमयू, एसएमयू के लाइसेंसियों के स्टालों, ट्रालियों एवं खोमचे आदि का लाइसेंस फीस एवं 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान असंभव हो गया है। जबकि रेलवे ने लाकडाउन के दौरान प्राइवेट पार्सल के ठेकेदारों एवं आईआरसीटीसी द्वारा अपने लाइसेंसियों का माफ किया है।
प्राइवेट पार्सल के ठेकेदारों, आईआरसीटीसी के लाइसेंसियों का माफ
अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसीज वेलफेयर के राष्ट्रीय सचिव ने जानकारी दी है कि एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र गुप्ता ने रेल मंत्री एवं प्रधानमंत्री से मांग किया था कि लाकडाउन के दौरान प्राइवेट पार्सल के ठेकेदारों एवं आईआरसीटीसी द्वारा अपने लाइसेंसियों का फीस माफ किया गया है, उसी प्रकार बंदी के तिथि से जब तक लाक डाउन जारी रहे तब तक रेलवे द्वारा आवंटित जीएमयू, एसएमयू के लाइसेंसियों के स्टालों, ट्रालियों एवं खोमचे आदि का लाइसेंस फीस एवं 18 प्रतिशत जीएसटी भी माफ कर दिया जाय। लेकिन रेल मंत्री एवं प्रधानमंत्री द्वारा कोई दिशा निर्देश संबंधित वाणिज्य रेलवे जोनल, मंडल को जारी नहीं किया गया। इससे स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। जबकि रेलवे के दिशा निर्देशों के अंतर्गत लाइसेंस फीस का निर्धारण सेल के आधार पर किया गया है जोकि अग्रिम रूप से जमा है। लाक डाउन के कारण पूर्ण रूप से बंदी हो जाने के कारण जब स्टालों, ट्रालियों एवं खोमचों आदि पर जब कोई बिक्री नहीं हो रही है तो उस पर लाइसेंस फीस नहीं लिया जाना चाहिए। लाक डाउन हटने पर जब तक ट्रेनों का परिचालन पूर्ण रूप से पूर्व की भांति ना शुरू हो पाए तब तक वर्तमान में होने वाले सेल के आधार पर लाइसेंस फीस का निर्धारण होना चाहिए। जिससे कि सभी लाइसेंसी एवं वेंडर अपने कर्तव्यों का पालन उचित ढंग से कर सके और रेलवे को तदनुसार लाइसेंस फीस, राजस्व अदा कर सके और अपना जीवन यापन कर सकें। साथ ही लाक डाऊन की अवधि में श्रमिकों एवं वेन्डरो तथा कुलियों के खान पान की व्यवस्था किया जाना चाहिए।
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