लाक डाऊन की बंदिशे भी नहीं रोक पा रही है कोरोना के बढ़ते प्रकोप को
कोरोना संक्रमण के चलते देश आज लाक डाऊन है इसके बाद भी इस महामारी को फैलाने से नहीं रोका जाना कठिन नजर आ रहा है। केवल भारत ही नहीं बल्कि लगभग पूरे विश्व को अपने चपेट में ले लिया है। चीन से शुरू होकर पूरी दुनियां को अपने गिरफ्त में लेते हुए कोरोना ने विश्व में लगभग 11 लाख लोगों को असमय ही काल कवलित कर लिया है। इसका प्रकोप भारत में शुरू हुआ तो यहाँ पर इसके चेन को तोड़ने के लिए वैज्ञानिकों की सलाह पर भारत की सरकार ने पहले एक दिन का जनता कर्फ्यू का एलान किया। देश की जनता ने उसे सहर्ष स्वीकार करते हुए अमल किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने देश को 21 दिनों तक के लिए लाक डाऊन करते हुए जनता से घरों में रहने की अपील किया और कहा कि शोसल डिस्टेन्सिंग बनाये रखें और ताकि इस महामारी से देश को बचाया जा सके। अन्य देशों की अपेक्षा भारत में कोरोना पीड़ितों की संख्या कम थी। लेकिन दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित मरकज़ तब्लीगी जमात के एक कार्यक्रम के पूरे देश में इस महामारी को फैलाने में ऐसी भूमिका निभाई कि पूरा देश दहशत के साये में आ गया है। आज के आंकड़े पर गौर करें तो भारत में 2547 लोग कोरोना से संक्रमित है। अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में 62 लोगों की मौत इस महामारी के चलते हो चुकी है। हां एक सन्तोष जनक बात यह भी है कि अब तक पूरे देश में 163 मरीज ठीक भी हो चुके हैं।
इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि पीड़ितो के इस आंकड़े में 647 लोग तब्लीगी जमात में शामिल होने वाले लोग संक्रमित है। अगर दिल्ली के आंकड़े पर नजर डालें तो यहाँ पर कुल 383 लोग कोरोना से संक्रमित है जिसमें 259 तब्लीगी जमात के लोग संक्रमित है । यहां जमात में शामिल लोग अब लगभग पूरे देश में पहुंचे है। जिसके कारण कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। विगत 24 घंटे के अंदर देश में 478 कोरोना संक्रमितो की संख्या बढ़ी है जो चिंता जनक है ।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए भारत ही नहीं पूरी दुनियां के वैज्ञानिक अभी तक को दवा नहीं खोज सके है। जिसके कारण यह महामारी लाइलाज है। केवल शोसल डिस्टेन्सिंग बना कर इसके चेन को तोड़ कर फैलने से रोका जा सकता है । जहां तक भारत का सवाल है यहाँ पर जो स्थित दृष्टिगोचर है वह यही संकेत करती है कि यहां पर दवा क्या संसाधनों का भी खासा अभाव है। यही कारण है कि इस तरह के मरीजों के उपचार में लगे बड़ी संख्या में चिकित्सक भी इस महामारी की चपेट में आ गये है। जो भारत के लिए अत्यंत ही दुखद स्थिति है।
इस कोरोना को लेकर आज देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमराती नजर आ रही है कल कारखाने सहित लगभग सभी व्यापार बन्द हो गये है । सरकार के सभी आय के साधन ठप हो गये है। जिन सड़कों पर दिन रात चहल पहल रहती थी आज वे सभी सड़कें सूनी और वीरान पड़ी हुई है पूरा देश घरों में कैद हो गया है । समूचे देश का सरकारी तंत्र सभी कामों को छोड़ कर इस समय लाक डाऊन का पालन कराने में लगा हुआ है। इस यदि कहा जाये कि धन जन दोनों की क्षति हो रही है तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। यहां तक कि बहन बेटियों के हाथ पीले होने में कोरोना सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है।
अब इस महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने आह्वान किया है कि कल यानी 5 अप्रैल को समय 9 बजे रात्रि को घरों की लाइटें बन्द कर बाहर दीपक जलाये। प्रधानमंत्री की इस अपील का असर होगा कि देश इसका असर बिजली विभाग के उपकरणो पर पड़ सकता है। 9 मिनट तक उत्पादित बिजली को विभाग कहाँ ले जायेगा यह उसके लिये बढ़ी समस्या है।
इस तरह की तमाम समस्याएं बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते है। कई जगहों पर तो आम जनता एवं कोरोना वायरस से लड़ने के लिए व्यवस्था में लगे लोगों के बीच विवाद भी हुआ जो अत्यंत दुखद पहलू रहा है। जो हमारे सुरक्षा में दिन रात लगा है उससे तकरार क्यों है। कोरोना न होता तो सायद ऐसी स्थितियों देश में न होती।
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