दीवानी न्यायालय भी 28मार्च तक बन्द कर दिया गया
जौनपुर। जनपद न्यायाधीश मदन पाल सिंह ने बताया है कि महानिबंधक, माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा महामारी (कोविड-19) के रोकथाम हेतु निरोधात्मक एवं उपचारात्मक उपाय के संबंध में गठित माननीय समिति उच्च न्यायालय इलाहाबाद में की गई बैठक में पारित समिति के आदेश के माध्यम से प्रेषित किया गया है, जिसमें समिति द्वारा बैठक में यह आदेश पारित किया गया कि संपूर्ण उत्तर प्रदेश में माननीय उच्च न्यायालय के अधीन समस्त अधीनस्थ न्यायालय कमर्शियल कोर्ट मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रियूबनल एवं लैण्ड एक्यूजीशन, रिहैबिलिटेशन एवं रिसेटिलमेण्ट एथारिटी के न्यायालय 28 मार्च 2020 तक बंद रहेंगे। जहां तक अत्यंत महत्वपूर्ण आवश्यक केसो के संबंध हैं उनमें जनपद न्यायाधीश या सुनिश्चित करेंगे कि इसमें सुनवाई की आवश्यकता है अथवा नहीं। इस संबंध में सुविधानुसार कार्यवाही करेंगे। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के संबंध में रिमांड एवं जमानत के संबंध में कार्यवाही अवकाश के दिनों की तरह ही की जाएगी। उपरोक्त वर्णित समय में बंद न्यायालयों को निर्देशित किया गया है कि उनके द्वारा इसके बदले में अग्रिम ग्रीष्मावकाश में कार्य किया जाएगा। इसके अतिरिक्त उपरोक्त सभी न्यायालयों को निर्देशित किया गया है कि उनके द्वारा अपने अधीनस्थ सभी अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण को या निर्देश जारी करें कि वे एक जगह अत्यधिक संख्या में एकत्रित होने से बचें और इस समय लोक वाहन से अत्यधिक यात्रा न करे। इस संबंध में उक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए अनुपालन आख्या प्रेषित करें। माननीय न्यायालय के उक्त आदेश के अनुपालन में इस न्यायिक अधिष्ठान के सभी न्यायालय को 28 मार्च 2020 तक बंद किया जाता है। इस अवधि में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के संबंध में रिमांड एवं जमानत के संबंध में कार्यवाही अवकाश के दिनों की तरह सुनिश्चित किए जाने हेतु मुख्य न्यायालय न्यायिक दण्डाधिकारी जौनपुर को निर्देशित किया जाता है कि वे आवश्यक व्यवस्था किया जाना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त इस न्यायिक अधिष्ठान के समस्त अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण को निर्देशित किया जाता है कि वह एक जगह अत्यधिक संख्या में एकत्रित होने से बचें और इस समय लोक वाहन से अत्यधिक यात्रा न करें। इस आदेश का परिचालन इस न्यायिक अधिष्ठान के समस्त अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण के मध्य अनुपालनार्थ कराया जाए और नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाए तथा आदेश की एक प्रति दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ को सूचित प्रेषित की।
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