शिक्षा में तकनीकी के मानवता का विकास जरूरी है प्रो. राजाराम यादव
जौनपुर । शिक्षक शिक्षा विभाग टीडी कॉलेज जौनपुर के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में आज कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजाराम यादव कुलपति ने कहा कि मानव के जीवन में भौतिक विकास के साथ साथ चारित्रिक विकास हेतु आवश्यक नवाचार द्वारा नई नई विधाओं का प्रयोग करना चाहिए लेकिन मानवीय संवेदना भी आवश्यक है । कुलपति जी ने कहा कि तिलकधारी महाविद्यालय में 1972 से ही आना जाना लगा रहा एवं यहाँ का अनुशासन, शिक्षण एवम नवाचार के प्रति लगाव प्रेरणा दायक है ।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर धनंजय यादव ने कहा कि नवाचार को आत्मसात करके ही प्रगति कर सकते हैं । नई विधाओं की जानकारी विद्यार्थियों के लिये आवश्यक है । आवश्यकता है सभी को सूचना एवं तकनीकी के बारे में जानना चाहिए । विशिष्ट अतिथि डॉ आलोक गार्डिया ने कहा कि मानव विकास के दौर में सभी के लिए यह आवश्यकहै तकनीक की जानकारी विद्यार्थी, शिक्षक और समाज के लिये उसे लागू करें नए भाव ,नए खोज के साथ कार्य करें ।प्रो डी आर सिंह शिक्षा संकाय इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद ने संस्कृति के साथ साथ समाज और शिक्षा में तकनीकी का प्रयोग समय की आवश्यकता है । सामाजिक गतिविधियों के साथ विश्व में तकनीकी के बढ़ते हुए प्रयोग के आत्मसात सक्रियता के साथ करने पर बल दिया तथा विश्व में होने वाले तकनीकी परिवर्तनों से अवगत कराया ।ई लाइब्रेरी के माध्यम से हम विश्व भर के पुस्तको का अध्ययन कर सकते हैं तकनीक हमारे लिए कितना लाभदायक है इस पर भी ध्यान देना आवश्यक है ।अतिथियों का स्वागत शिक्षक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ समर बहादुर सिंह ने किया था तथा अध्यक्षता प्रो. श्री प्रकाश सिंह ,अध्यक्ष प्रबन्ध समिति टी डी कॉलेज, जौनपुर ने किया। आयोजन सचिव डॉ सुधांशु सिन्हा ने द्वि दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी से संबंधित विभिन्न तकनीकी पहलुओं, नवाचार आदि तथा विविध शोधपत्रोंसे संबंधित तथ्यों के बारे में विस्तार से अवगत कराया । राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ अजय कुमार दुबे ने अवगत कराया कि विभिन्न तकनीकी सत्रों हिमाचल प्रदेशबिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड, राजस्थान आदि प्रदेशों से 200 से अधिक शोधार्थियों एवं शिक्षकों नेअपने शोधपत्रों को प्रस्तुत किया शोध के तथ्यों से अवगत होकर के अपने ज्ञान में वृद्धि और नवा चारों से अवगत होते रहने एवं नए तथ्यों को आत्मसात किया । आगत अतिथियों के प्रति आभार प्राचार्य डॉ विनोद कुमार सिंह ने व्यक्त किया, संगोष्ठी में डॉ जयप्रकाश सिंह डॉ विनय कुमार सिंह, डॉ रीता सिंह ,डॉ श्रद्धा सिंह ,डॉ वंदना शुक्ला , डॉ गीता सिंह, डॉ अरविंद सिंह , ,श्री सीमांत राय श्री वैभव सिंह ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया । समापन समारोह में डॉ एन के सिंह ,प्राचार्य राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय, सिंगरामऊ डॉ सुभाष चंद्र शुक्ला, डॉ भारतेन्दु मिश्र टी डी कॉलेज, बलिया द बिंद प्रताप सिंहआदि उपस्थित रहे ।
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