सत्तर आशाओं की सेवा समाप्त करने का प्रशासन ने लिया निर्णय

  जौनपुर । जिलाधिकारी जौनपुर ने गांवो में तैनात आशा कार्य कर्तियो को अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर कड़ा निर्णय लिया है  सरकार विज्ञप्ति के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में पाया गया 90 आशा ऐसी है जो गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होने के बाद शासन द्वारा निर्धारित 6 विजिट उनके घरों की करनी थी और उन्होंने नहीं की। उनके द्वारा घोर लापरवाही की गई शासन के आदेशों की उपेक्षा की गई साथ ही साथ  गर्भवती महिलाओं जिनकी डिलीवरी हो गई उनके घर जाकर के उनको स्वास्थ संबंधी जानकारी जो देनी थी वह भी नहीं दी। इसलिए इनको आज सुनवाई हेतु बुलाया गया था। इनमें से 70 ने आकर अपना जवाब भी नहीं दिया और ना ही उपस्थित आई।स्पष्ट है उन्हें कोई कार्य में रुचि नहीं है। इस कारण उनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया। साथ ही साथ  20 आशा उपस्थित हुई उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दिया है उसको दृष्टिगत रखते हुए उन्हें सचेत करते हुए एक अवसर प्रदान किया गया है ।और अपेक्षा की गई है भविष्य में वह अपने क्षेत्र में गर्भवती माताओं की देखभाल में कोई कमी नहीं रखेंगी, शासन के सभी योजनाओं को उनको जानकारी देगी और उनको लाभ दिलाने में कोई कोर कसर नहीं रखेंगे ।ज्ञातव्य हो की प्रत्येक 1000 की आबादी पर गांव में एक आशा की नियुक्ति है जो गांव की ही महिला होती है। अगर वह अपने गांव में रहते हुए भी गांव की गर्भवती माता के पास नहीं जा सकती है तो फिर स्पष्ट है कि उसे कोई कार्य में रुचि नहीं है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी योजनाओं और स्वास्थ्य संबंधी योजना का लाभ प्रत्येक गरीब तक शासन की मंशा अनुसार पहुंचे यह सुनिश्चित किया जाए।

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