आज गरीब दलित का बच्चा मर रहा है और राष्ट्रपति जीवन स्तर उपर उठा रहे है
आज लोकतंत्र के मंदिर में महामहिम राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ सरकार की प्राथमिकताओं का बखान किया गया और यह भी बताया गया कि 2014 से पहले तक देश का नागरिक निराश था यानी अब आशाओं से ओत प्रोत है।
आपकी चुनी हुई सरकार ने आपके उज्जवल भविष्य के लिए जो कार्यक्रम बनाए हैं उसका ज़िक्र महामहिम राष्ट्रपति ने किया यह ठीक उसी प्रकार है जैसे 2014 में हुआ था और आपका जीवन स्तर 2019 आते आते बहुत ऊंचा उठ गया यहां तक कि आपको कहीं भी कोई समस्या नहीं दिखती।
हमें तो बधाई देनी थी महामहिम को कि उनकी सरकार में मेरा बच्चा आज मर गया है ,बधाई इसलिए दे रहा हूं कि आखिर मै गरीब दलित हूं मेरा बच्चा भी मेरी ही तरह गरीब शोषित पीड़ित पिछड़ा दलित ही था जिसका मर जाना किसी के लिए कोई मायने नहीं रखता।
गरीब की मौत त्रासदी नहीं कहलाती बल्कि कुछ लोगों का व्यापार होती है ,आखिर लाशें अगर गरीब की हों तो मीडिया की टीआरपी बढ़ती है और रिपोर्टर को रिपोर्ट के लिए तमगे मिलते हैं ।बधाई दे रहा हूं आपको प्रधानमंत्री जी रात्रिभोज में सांसदों को छक कर खिलाईयेगा ,बेचारे कितना काम करते हैं यह आखिर करोड़ों जनता का बोझ है इनपर ,इनकी सेहत का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए ।
इस भोज में मुजफ्फरनगर के सांसद महोदय और देश के माननीय स्वास्थ्य मंत्री भी होंगे उनका विशेष ख्याल रखिए ,मिठाई ज़रूर खिला दीजियेगा आखिर गरीब का बच्चा मरा है इनका इतना हक तो बनता ही है।यह बात और है मेरे घर पिछले कई दिनों से चूल्हा नहीं जला है और अभी कई दिनों तक नहीं जलेगा मेरे बच्चे की मा न जाने क्यों शोक मना रही है ,रो रही है ,विलाप कर रही है पगली है समझती ही नहीं कि हम गरीब हैं हमें बड़े लोगों की खुशियों में व्यवाधान डालने का हक नहीं है चल बधाई दे साहब को आखिर सरकार ने काम शुरू कर दिया है।
सुन अब हमभी गरीब नहीं रहेंगे आज महामहिम ने बताया है 5 सालो में हमारी दुनिया बदल जाएगी फिर हमारा मुन्ना ,मुन्नी नहीं मरेगा मगर तब तक चुप रह कोई बात न कर सांसद बाबू खाना खा लिए तो समझ अपना भी पेट भर गया उनका बच्चा ज़िंदा है तो समझ सब ज़िंदा हैं ।
और हां पत्रकारों से कुछ न बोल उनके सामने रोना मत कैमरे पर रोएगी तो पाप लगेगा और सुन पगली यह भारत के पत्रकार हैं खुदकुशी करने वाले नहीं ।
जय हिन्द।
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