जिले की दोनों सीटों पर भाजपा गठबंधन के बीच सीधी टक्कर

जौनपुर। लोकसभा के इस चुनाव में सपा बसपा गठबंधन होने के चलते अधिकांश सीटों पर भाजपा से गठबंधन की सीधी टक्कर हो रही है। जनपद जौनपुर में भी जिले के दोनों सीटों पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। हम बात करें जौनपुर लोकसभा सीट की तो यहां पर भाजपा के प्रत्याशी कृष्ण प्रताप सिंह ( के पी सिंह) एवं गठबंधन के प्रत्याशी श्याम सिंह यादव के बीच सीधी टक्कर नजर आ रही है। इसमें कांग्रेस के प्रत्याशी देवब्रत मिश्रा है यदि ब्राम्हण मतों में सेंध मारी कर लिए तो भाजपा भाजपा बड़े मतों से पीछे नजर आयेंगी । यदि हम मोदी लहर 2014 के वोटों की तुलना करें तो। भाजपा को 3,67,149 मत मिले थे। उस समय के सपा बसपा एवं सपा के बागी प्रत्याशी का वोट जोड़ दिया जाए तो 2,20859+1,180,003+43471=4,44,333 वोट होता है जो भाजपा के वोट से 77,184 वोट अधिक होता है। और दूसरा नजरिया भी  देखा जाये तो इस बार जनता बीते पांच सालों के काम की समीक्षा कर रही उसपर भी सांसद के पी सिंह कमजोर नजर आ रहे है लेकिन मोदी के राष्ट्रवाद के नारे पर जनता मुहर लगाने को तैयार है। इसलिए दोनों के बीच कड़ी टक्कर की संभावना है। खबर है कि पिछड़े वर्ग में भाजपा की सेंधमारी गठबंधन के लिए मुसीबत बन सकती है।  हालांकि यहां पर कांग्रेस तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ती दिख रही है।
इसी तरह मछली शहर सु. लोकसभा सीट की समीक्षा की जाए तो यहां पर भी भाजपा के वीपी सरोज एवं गठबंधन के प्रत्याशी टी राम के बीच सीधी टक्कर नजर आ रही है यहां पर कांग्रेस समर्थित जन अधिकार पार्टी के अमर नाथ पासवान तीसरे स्थान के लिए ही लड़ रहे है। यहां की गणित समझा जाये तो 2014 में मोदी लहर में भाजपा को  4,38,210 वोट मिले थे और राम चरित्र निषाद सांसद बने थे उस समय वीपी सरोज बसपा से चुनाव लड़ कर हार गए थे। राम चरित्र निषाद ने पांच साल क्षेत्र में नजर नहीं आये जनता की शिकायतों पर इस बार 2019 के चुनाव में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया और बसपा छोड़ कर भाजपा में आये वीपी सरोज को टिकट थमा दिया। यहां पर सपा बसपा के वोटों को जोड़ दिया जाए तो 2,66,115+1,91,387=4,57,387 होता है जो भाजपा से 24,177 वोट अधिक होता है।  इस बार मड़ियाहूं की विधायक लीना तिवारी की भाजपा से नाराजगी भाजपा प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा रही है। वहीं पूर्व मंत्री जगदीश नारायण राय का सपा में जना गठबंधन को मजबूती प्रदान कर रहा है। इस नजरिए से भी गठबंधन का प्रत्याशी मजबूत है। भाजपा को एक फैक्टर और क्षति पहुंचा सकता है कि जफराबाद विधायक चुने जाने के बाद से गांवों में मेड़ खूंटे की राजनीति करते हुए गांवों में गुटबाजी पैदा किए हैं इससे लोग अन्दर खाने में भाजपा से बेहद नाराज है। इसका असर भाजपा के प्रत्याशी पर पड़ना तय माना जा रहा है। यह गठबंधन के प्रत्याशी को मजबूती प्रदान करता है। इस तरह यहां पर गठबंधन की मजबूत स्थिति नजर आ रही है। यहां कांग्रेस समर्थित अमर नाथ पासवान तीसरे स्थान के लिए लड़ रहे हैं इसलिए उनकी चर्चा कहीं नहीं है।
इस तरह जिले की दोनों सीटों पर भाजपा एवं गठबंधन प्रत्याशीयो के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। मतदान 6 मई को होगा।

Comments

Popular posts from this blog

इंजीनियर आत्महत्या काण्ड के अभियुक्त पहुंच गए हाईकोर्ट लगा दी जमानत की अर्जी सुनवाई सोमवार को फैसले का है इंतजार

त्योहार पर कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने एवं हर स्थित से निपटने के लिए बलवा ड्रील का हुआ अभ्यास,जाने क्या है बलवा ड्रील

जानिए इंजीनियर अतुल सुभाष और पत्नी निकिता के बीच कब और कैसे शुरू हुआ विवाद, आत्महत्या तक हो गई